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उन्होंने चेताते हुए कहा कि अल्लाह और ईश्वर के बीच किसी कमीशन एजेंट की जरूरत नहीं है। यह बिस्मिल और अशफाक की धरती है जहां हिंदू-मुस्लिम दोनों ने मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी लेकिन आज उन्हीं दोनों को लड़ाने की कोशिशें खूब की जा रही हैं। कहा कि मोहम्मद एखलाक कैसे मरा?
यह सवाल उतना नहीं उठा जितना कि उसके यहां गाय का मांस था या कि भैंस का। रोहित ने आत्महत्या क्यों की? यह सवाल दब गया। मुद्दा यह बना कि वह दलित है या पिछड़ा।
कन्हैया ने अपने इस भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी को भी नहीं बख्शा उनको आड़े हाथों लेते हुए बोले प्रधानमंत्री हैं कि परिधानमंत्री है। कपड़ा बदलने में जितने कुशल हैं, बात बदलने में भी उतने ही कुशल है। इससे पहले भाकपा के राज्य सचिव गिरीश ने कहा कि जो पीएम अपनी सेनाओं की रक्षा नहीं कर सकता, उसे इस्तीफा दे देना चाहिए।
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