नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव में भले ही मीरा कुमार विपक्ष की साझा उम्मीदवार हैं, लेकिन वास्तव में अभी वह जीत से दूर हैं। इससे उलट एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की आसानी से जीत पक्की मानी जा रही है। कोविंद्र के समर्थन में एनडीए और गैर एनडीए क्षेत्रीय पार्टियों का 63.1 फीसदी वोट है। वैसे तो एनडीए के पास खुद कमोबेश 48.9 फीसदी वोट है और कई अन्य गैर एनडीए क्षेत्रीय पार्टियों को मिलाकर यह आंकड़ा 63 फीसदी तक पहुंच जाता है।
कोविंद को समर्थन देने वाली गैर एनडीए पार्टियों में जेडीयू (1.91 फीसदी), एआईएडीएमके (5.39 फीसदी), बीजेडी (2.99 फीसदी), टीआरएस (2 फीसदी), वाईएसआरसीपी (1.53 फीसदी) और आईएनएलडी (0.38 फीसदी) है। एआईएडीएमके के दोनों गुटों ने एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला लिया है। इससे कोविंद को मीरा कुमार पर निर्णायक बढ़त हासिल हो जाती है।
बीजेपी ने जब अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर बिहार के राज्यपाल के नाम की घोषणा की थी तो शिवसेना की स्थिति साफ नहीं थी। सेना ने इसे दलित वोटों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति कहा था। लेकिन बाद में शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनडीए कैंडिडेट को समर्थन देने का ऐलान किया। शुरू में ऐसी उम्मीद थी कि बीएसपी और एसपी कोविंद को समर्थन देंगी लेकिन बाद में इन दोनों पार्टियों ने मीरा कुमार को समर्थन देने का फैसला लिया।