मूडीज ने मोदी सरकार के विकास के दावों पर उठाए सवाल, ऐसा कुछ नहीं किया कि भारत को दें बेहतर रेटिंग

0
मूडीज
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

भारत ने मूडीज के रेटिंग मैथड की आलोचना की है और इसमें सुधार करने की मांग की है। न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दस्‍तावेजों के आधार पर रिपोर्ट दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी समय से भारत की कर्ज स्‍वायत्‍तता को लेकर बेहतर क्रेडिट रेटिंग की मांग कर रहे हैं।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में सत्ता में आने के बाद कई कदम उठाए जिस्से की भारत की रैटिंग विश्व स्तर पर सुधर जाए। लेकिन तमाम बड़े कदम उठाने के बाद भी तीन बड़ी वैश्विक रेटिंग एजेंसियों में से किसी ने भी भारत की रेटिंग को अपग्रेड नहीं किया है।

इसे भी पढ़िए :  मीरा कुमार पर सुषमा के हमले का कांग्रेस ने वीडियो से दिया जवाब, लोकसभा अध्यक्ष की कायल थीं सुषमा

 

रिपोर्ट के मुताबिक, वित्‍त मंत्रालय ने अक्‍टूबर में कई लेटर और ईमेल के जरिए रेटिंग करने की मूडीज की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे। इनमें कहा गया था कि हाल के सालों में भारत के कर्ज स्‍तर में नियमित तौर पर कमी आई है लेकिन मूडीज ने इसका ध्‍यान नहीं रखा।

इसे भी पढ़िए :  छह अगस्त को पहली टाउनहाल बैठक के जरिए मोदी जुड़ेंगे नागरिकों से

 

मंत्रालय ने कहा कि मूडीज जब व‍िभिन्‍न देशों की राजकोषीय ताकत की समीक्षा कर रही थी तो उसने इन देशों के विकास स्‍तर को नजर अंदाज कर दिया। सरकार ने इसके लिए जापान और पुर्तगाल का उदाहरण दिया था। अपनी अर्थव्‍यवस्‍था से करीब दोगुना कर्ज होने के बावजूद इन देशों की रेटिंग बढ़‍िया थी।

इसे भी पढ़िए :  सावधान! सैन्य अभियानों की फोटा साझा की.... तो होगी कारवाई

क्लिक कर पढ़ें खबर का बाकी अंश

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse