सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फौजदारी कानून में जबरन वैवाहिक यौन संबंध रेप के अपराध में शामिल है या नहीं, इस मुद्दे पर विस्तृत रूप से बहस हो चुकी है और इसे आपराधिक कृत्य नहीं माना जा सकता। बलात्कार को परिभाषित करने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 375 की अपवाद वाली उपधारा में कहा गया है कि किसी व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी, बशर्ते पत्नी 15 वर्ष से कम की नहीं हो, के साथ स्थापित यौन संबंध बलात्कार की श्रेणी में नहीं आएगा।
पिछले तीन साल में बाल विवाह एक्ट के तहत कितने लोगों को सजा हुई, इस पर पीठ ने केंद्र सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। अदालत ने केंद्र से यह भी पूछा कि बाल विवाद निषेध अधिकारी की नियुक्ति का पैमाना क्या होता है। सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी।