UN में भाषण देते समय शरीफ दुनिया के सामने गिड़गिड़ाए कि दुनिया के देश कश्मीर में जाकर हालात देखे।इतना ही नहीं कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग कर बैठे नवाज शरीफ। अपने भाषण के दौरान नवाज शरीफ ने एक भी ऐसी बात नहीं कही जो भारत की नीति के आसपास हो। नवाज शरीफ किसी चुने हुए नेता की तरह नहीं, सेना और आतंकवादियों की चंगुल में फंसी सरकार के तोते की तरह बोलते रहे। संयुक्त राष्ट्र में बोलने से पहले शरीफ पाकिस्तान के सेना प्रमुख राहिल शरीफ से बात कर चुके थे। लगता है कि एक शरीफ ने दूसरे शरीफ के आतंक का पर्चा पढ़ दिया।
उरी हमले के बाद उबल रहे देश में कोई नहीं बोल रहा है कि पाकिस्तान बातचीत के लिए भी लायक है। हर तरफ से चढ़ाई की आवाज है। गनीमत है कि पाकिस्तान कूच का फैसला अभी तक मोदी सरकार ने लिया नहीं है। लेकिन नवाज शरीफ ने कसम खा रखी है कि जुबान खोलेंगे तो रिश्ते बद से बदतर करने के लिए।
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