उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भी लंबे समय से खादी पहनते रहे हैं। खादी में उन्होंने अपना स्टाइल विकसित करते हुए बड़ी संख्या में भारतीयों समेत विदेशियों को भी इसकी ओर आकर्षित किया है। सक्सेना ने कहा, ‘पीएम मोदी खादी के सबसे बड़े ब्रैंड ऐंबैसडर हैं। उनके ‘मेक इन इंडिया’ विजन के तहत खादी ग्रामोद्योग गावों को आत्मनिर्भर बनाने और स्किल डिवेलपमेंट के जरिए युवाओं को रोजगार देने के प्रयास में जुटा है। खादी को बुनने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। नए प्रयोग हो रहे हैं और मार्केटिंग को भी बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है।’
आयोग के कर्मचारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘सरकार की ओर से इस तरह महात्मा गांधी के दर्शन, विचारों और आदर्शों को खारिज किए जाने से हम दुखी हैं। पिछले साल ऐसा पहला प्रयास किया गया था, जब कैलेंडर में पीएम मोदी की तस्वीर छापा गया।’ 2016 के कैलेंडर में पीएम मोदी की तस्वीर छापे जाने के मुद्दे को आयोग की स्टाफ यूनियंस ने उठाया था। इस पर मैनेजमेंट की ओर से भविष्य में ऐसा न होने का आश्वासन दिया गया था।