एनडीटीवी से पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम का इंटरव्यू हटाए जाने का मामला सामने आया है। एनडीटीवी ने छह अक्टूबर को रात नौ बजे के बुलेटिन में एक ग्राफिक चलाया जिसके जरिए बताया गया कि सुरक्षा से जुड़े मामले पर राजनीतिक फायदे के लिए दिए जाने वाले बयानों को प्रसारित नहीं किया जाएगा। इसमें लिखा था, ”राष्ट्रीय सुरक्षा का राजनीति के लिए समझौता नहीं किया जा सकता। वर्तमान राजनीतिक बहस इस तरह की चुनौती पेश कर रही है।” छह अक्टूबर को ही चैनल ने चिदम्बरम का इंटरव्यू प्रसारित ना करने का फैसला किया।
हालांकि एनडीटीवी ने इससे पहले इस इंटरव्यू के जो अंश प्रसारित किए थे उनमें दिखाया गया कि चिदम्बरम ने सेना की स्ट्राइदक को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बयानों की आलोचना की थी। चिदम्बरम का इंटरव्यू बरखा दत्त ने लिया था। बाद में इन अंशों को दिखाने वाले वीडियो को भी हटा लिया गया। आठ अक्टूबर यानि शनिवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरेजवाला ने इस वाकये के लिए मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट किया, ”फासिस्ट मोदी सरकार ने एनडीटीवी को सच दिखाने से रोक दिया। तानाशाही सच्चाई को दबा या उसका गला घोंट नहीं सकती। मीडिया को खड़े होकर अपना अहसास कराना चाहिए।”
A fascist Modi Govt throttles NDTV from showing the truth. Dictatorship can't suppress, strangle reality. Media must standup & be counted. pic.twitter.com/tP2en6h7gr
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) October 8, 2016
इस ट्वीट के साथ पी चिदम्बरम के चैनल से पूछे गए सवाल भी थे। इनमें लिखा था, ”मेरे पास आपके केवल नंबर ही थे इसलिए मैं आपसे पूछ रहा हूं: ‘मेरे इंटरव्यू का कौनसा हिस्सा राजनीतिक फायदे के लिए सुरक्षा को खतरा पैदा कर रहा था। मेरे इंटरव्यू का कौनसा हिस्सा बकवास का अंश था। मेरे इंटरव्यू का कौनसा हिस्सा राजनीतिक कहासुनी था।’ जवाब मिलने पर आभारी रहूंगा।” एनडीटीवी ने राहुल गांधी का खून की दलाली वाले बयान की खबर भी नहीं चलाई थी। हालांकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की प्रेस कांफ्रेंस का प्रसारण किया गया था।