आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रसारित सामग्री कार्यक्रम से जुड़े नियमों का उल्लंघन दिखाई पड़ी जिस वजह से चैनल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। अपने जवाब में चैनल ने कहा कि यह चीजों को अलग तरह से देखने का मामला है तथा जो सूचना उसने दीं उनमें से अधिकांश पहले से ही सार्वजनिक रूप से प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। समिति ने चैनल की इस दलील को खारिज कर दिया कि समाचार पत्रों में भी इस तरह की खबरें आई थीं। उसने कहा कि टेलीविजन दृश्य श्रव्य माध्यम है और इसका व्यापक एवं तुरंत असर होता है।
मंत्रालय ने इस संदर्भ में अपने आदेश में कहा, ‘समिति अनुशंसा करती है कि टीवी चैनल को कम से कम एक सांकेतिक हर्जाने के रूप में एक दिन के लिए प्रसारण बंद रखने की जरूरत है ताकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी बड़ी असावधानी और नियम या दिशानिर्देश के उल्लंघन को लेकर पूरी तरह से बच नहीं निकलें।’ आदेश के मुताबिक समिति का कहना था कि उल्लंघन की बात नि:संदेह साबित हुई है। इसमें यह भी कहा गया है कि इस मामले में चैनल के प्रसारण को 30 दिनों तक के लिए बंद करने का दंड हो सकता है। बहरहाल, जून, 2015 में एक नियम बनाया गया था और पहली बार किसी मामले में इसे लागू किया जा रहा है तथा इसमें कड़ा दंड देने की बात नहीं की गई है। आदेश में इस बात का उल्लेख किया गया है कि अगर आतंकवादी गोला-बारूद के डिपो तक पहुंच जाते हैं तो बड़े पैमाने पर तबाही हो सकती थी। प्रसारण के दौरान संवाददाता ने इसका विवरण दिया था और इसके बावजूद चैनल को कोई खेद नहीं है।