सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में इन लोगों से संबंधित जो जानकारी हासिल की गई है, उस वक्त ली गई थी, जब वे लोग 20 सितंबर से 26 सितंबर तक हिरासत में थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि संदिग्धों की जानकारी जांच अधिकारियों को दिए गए बयान के आधार पर जुटाई गई थी। स्वरुप ने साथ ही बताया कि कश्मीर के जिस हिस्से पर पाकिस्तान ने कब्जा कर रखा है, वहां की जानकारी की तुरंत पुष्टि करना भारतीय जांचकर्ताओं के लिए संभव नहीं है।
फैसल अवान का छोटा सा गांव पोथा जंडग्रान मुजफ्फराबाद से दक्षिण में आधे घंटे की ड्राइव के बाद है। वहीं अहसान खुर्शीद का गांव चिनारी पुलिस स्टेशन क्षेत्र में पड़ता है जो कि एलओसी पर कमान पोस्ट से आधे घंटे के सफर पर है। विदेश मंत्रलाय ने गुरुवार को बताया था कि ये लोग स्थानीयों द्वारा पकड़े गए हैं, उसके बाद उन्हें सेना को सौंप दिया गया। एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि वे अभी भी गवाही के ब्यौरे की पुष्टि करने के लिए काम कर रहे हैं।
बता दें, 18 सितंबर को उरी सेक्टर में एक आर्मी कैम्प पर आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे।