देश ही नहीं बल्कि दुनिया को झकझोर देने वाले निर्भया गैंगरेप केस में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाते हुए चारों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए निर्भया कांड को ‘सदमे की सुनामी’ बताया। जस्टिस दीपक मिश्रा द्वारा फैसला पढ़ते वक्त क्या था कोर्ट रूम का माहौल, जानिएः
5 मई, 2017 यानी शुक्रवार दोपहर ठीक दो बजे जस्टिस दीपक मिश्रा की तीन सदस्यीय बेंच ने अपना फैसला पढ़ना शुरू किया।
तीनों जजों ने सर्वसम्मति से इस केस में चारों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखने का फैसला लिया।
जजों द्वारा फैसला सुनाए जाते ही कोर्ट रूम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
फैसला पढ़ते हुए जस्टिस मिश्रा ने निर्भया गैंगरेप केस को सदमे की सुनामी बताया।
जस्टिस मिश्रा ने कहा- ‘इस केस की मांग थी कि न्यायपालिका समाज के सामने एक उदाहरण पेश करे। निर्भया केस में अदालत को मिसाल पेश करनी थी। ऐसे जघन्य अपराध के लिए माफी हरगिज नहीं दी जा सकती।’
बताते चलें कि निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम में अर्जी दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को सुनवाई के बाद इस केस में अपना फैसला सुरक्षित रखा था। 5 मई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपना फैसला पढ़ते हुए चारों दोषियों की मौत की सजा को बरकरार रखा।