जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि राज्य में आतंकवादी हमलों में वृद्धि पीओके में लक्षित हमलों के बाद केंद्रीय मंत्रियों के भड़काऊ बयानों का नतीजा है।
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में संवाददाताओं से बातचीत में उमर ने कहा, ‘हम लक्षित हमलों के बाद दिए गए बयानों का खामियाजा भुगत रहे हैं। अगर हमारे शासकों ने हमलों के बाद चुप्पी साधे रखी होती और अगर उन्होंने अपने मुंह से बोलने की बजाय अपने काम से बोला होता तो शायद स्थिति ऐसी नहीं होती।’ नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के इस तरह के बयान कि हमलों के बाद पाकिस्तान भारत की तरफ देखने की हिम्मत नहीं करेगा और नोटबंदी ने आतंक को खत्म कर दिया है, वे अब गलत साबित हो रहे हैं।
भाषा की खबर के अनुसार कहा, उमर ने कहा, ‘जब रक्षा मंत्री कहते हैं कि अगर पाकिस्तान हमारी तरफ देखेगा तो हम उसकी आंखें निकाल लेंगे और उन्हें सौंप देंगे तो निश्चित तौर पर कहीं न कहीं प्रतिक्रिया होगी।’ उमर ने कहा कि मंत्रियों को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए और विपक्ष पर बात करने की जिम्मेदारी छोड़ देनी चाहिए।