संविधान के तहत लोकसभा द्वारा पारित धन विधेयक को उसकी प्राप्ति की तारीख से 14 दिन के भीतर राज्यसभा को उसकी मंजूरी देनी होती है। 14 दिन की अवधि उस दिन से गिनी जाती है जिस दिन विधेयक राज्यसभा सचिवालय को मिलता है। इस मामले में यह तिथि 30 नवंबर थी। अधिकारी ने कहा, ‘14 दिन की अवधि 14 दिसंबर को समाप्त होगी। उसके बाद इसे मंजूरी के लिये राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उसके बाद इसे इस सप्ताह अधिसूचित किया जाएगा।’ अधिसूचना में यह भी जिक्र हो सकता है कि पीएमजीकेवाई में घोषणा करने पर कोष के स्रोत के बारे में नहीं पूछा जाएगा और संपत्ति कर, दिवाली कानून तथा अन्य कराधान कानून से छूट होगी। लेकिन फेमा, पीएमएलए, नारकोटिक्स और विदेशी कालाधन कानून के तहत कोई छूट नहीं होगी। कालाधन के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोटों पर पाबंदी लगा दी और लोगों से इसे बैंकों में जमा कराने को कहा। उसके बाद से लोग पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने के लिये कतारों में लग रहे हैं। दस नवंबर से अबतक कुल 11.85 लाख करोड़ रुपए 500 और 1,000 रुपए नोट के रूप में जमा हो चुके हैं। ऐसा अनुमान है कि चलन में कुल नोटों में पुराने नोट 86 प्रतिशत या 14.5 लाख करोड़ रुपए हैं।