मंगलवार की शाम वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर आंदोलन कर रहे एक पूर्व सैनिक ने कथित तौर पर ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। जिसके बाद से ही इसका जिम्मेदार मोदी सरकार को माना जा रहा है। बता दे, दिवाली पर सैनिको के एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने ओआरओपी के वादे को पूरा किये जाने की घोषणा की थी लेकिन स्थिती वहीं रही जिसके चलते एक पूर्व सैनिक को ऐसा कदम उठाना पड़ा।
वहीं लगातार सरकार पर उठ रहे सवालो पर रक्षा मंत्रालय ने सफाई देता हुआ सारा जिम्मा बैंक की गलती बताकर अपना पल्ला झाड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। ज्ञात हो कि ग्रेवाल ने टेरीटोरियल आर्मी में छह साल 11 महीने सेवा दी, जिसके बाद वह रक्षा सुरक्षा कोर में रहे। वह ओआरओपी के हकदार थे।
जनसत्ता की खबर के अनुसार मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि ओआरओपी के तहत ग्रेवाल को पूरा लाभ नहीं मिला था, उन्हें थोड़ी कम रकम मिली थी। इसमें हरियाणा भिवानी जिले में एसबीआई बैंक की ब्रांच ने कैल्कुलेशन में गड़बड़ कर दी थी। मंत्रालय का कहना है कि संशोधित पेंशन हासिल करने में देर बैंक में जोड़ घटाव में समस्या आने के चलते हुई। इसके अलावा मंत्रालय का कहना है कि उन्हें पूर्व सैनिक कल्याण प्रकोष्ठ से संपर्क करना चाहिए था। उन्होंने बताया कि यदि उन्होंने सीधे मंत्रालय का रूख किया होता तो उनके मामले का हल भी सैकड़ों अन्य की तरह सौहार्दपूर्ण तरीके से हो जाता।