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इस पूरे मामले पर जब सदन में हंगामा हुआ तो रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में सेना की मौजूदगी नियमित अभ्यास का हिस्सा है और सेना के नियमित अभ्यास को लेकर इस तरह का विवाद खड़ा करना दुखद और गलत है। उन्होंने कहा, ‘सेना के नियमित अभ्यास पर विवाद पैदा करना वास्तविक स्थिति पेश करने की बजाए राजनीतिक हताशा का परिचायक है।’
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह अभ्यास पश्चिम बंगाल के लिए अलग नहीं है क्योंकि भारी वाहनों की गतिविधि के बारे में सूचना एकत्र करने के मकसद से पिछले महीने भी उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड में ऐसे अभ्यास हुए थे। उन्होंने कहा कि इस बार भी पश्चिम बंगाल के अलावा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम में ये अभ्यास किये गए।
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