टीएमसी ने आरोप लगाया कि अपनी इस रूटीन एक्सर्साइज के बारे में सेना ने पश्चिम बंगाल सरकार और स्थानीय पुलिस को कोई सूचना नहीं दी थी। इस पर सेना ने एक दो नहीं बल्कि 9 नोटिफिकेशन दिखाए। इसमें ऑफिस ऑफ कमिश्नर ऑफ पुलिस, एचआरबीसी जिसके अंडर में विद्या सागर सेतू टोल प्लाजा आता है, हावड़ा के पुलिस कमिश्नर और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को भेजा गया नोटिफिकेशन शामिल है। ये सारे सबूत बताते हैं कि सेना ने अचानक कोई कदम नहीं उठाया बल्कि राज्य प्रशासन और स्थानीय पुलिस को इस बारे में पहले ही सूचित किया गया था।
टोल प्लाजा पर वाहनों से पैसे वसूलने के आरोप को भी मेजर जनरल सुनील यादव ने सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं और सेना सिर्फ भारी वाहनों की जानकारी इक्ट्ठा कर रही है।