हाल ही में पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्र्पति डॉनाल्ड ट्रंप के साथ सोमवार को हुई मुलाकात को लेकर पाकिस्तान चीढ़ गया है। मंगलवार को इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री चौधरी निसार ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ‘भारत की भाषा’ बोल रहे हैं। आपको बता दें कि साझा वक्तव्य में दोनों नेताओं ने सहयोग को नए मुकाम तक ले जाने और आतंकवाद के खात्मे के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। इस मुलाकात के बाद पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए भारत और अमेरिका ने उससे यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसकी धरती का इस्तेमाल सीमा पार आतंकी हमलों के लिए नहीं हो।
मालूम हो कि जनवरी में ट्रंप के कार्यभार संभालने के बाद से ही अमेरिका कई बार संकेत दे चुका है कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को दी जा रही मदद पर वह सख्त कदम उठा सकता है। जब ट्रंप ने कुछ मुस्लिम-बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया था, तब उस सूची में पाकिस्तान को भी शामिल किए जाने पर विचार करने संबंधी खबरें आई थीं। इसके बाद ही पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सरगना हाफिज सईद पर कार्रवाई करते हुए उसे नजरबंद कर दिया था। हालांकि उसके बाद भी पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल कर जिस तरह आतंकवादी संगठन भारत और अफगानिस्तान में आतंकी हमलों को अंजाम देते रहे, उसपर दोनों ही देशों ने लगातार अपना विरोध जताया।
डॉन अखबार में छपी एक खबर के मुताबिक, निसार ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि कश्मीरियों का खून अमेरिका के लिए बिल्कुल भी अहमियत नहीं रखता है। मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए बने अंतरराष्ट्रीय कानून भी कश्मीर पर लागू नहीं होते।’ मोदी की यात्रा के दौरान अमेरिका द्वारा सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान के अंदर पल रहे आतंकवाद का जिक्र करना और इसपर इस्लामाबाद के लिए दिया गया संदेश, दोनों ही पाकिस्तान के लिए काफी मुश्किलें पैदा करता दिख रहा है। ऐसे में पाकिस्तानी नेतृत्व ध्यान भटकाने के लिए एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उछालने की कोशिश कर रहा है।
अगली स्लाइड में पढ़ें बाकी की खबर