$300 मांगने वाले ‘रैन्समवेयर’ ने फिर से कई देशों को बनाया अपना शिकार, भारत भी अछूता नहीं

0
रैन्समवेयर
प्रतिकात्मक फोटो

एक बार फिर से ‘वॉनाक्राई’ के बाद नए ‘पीटरैप’ रैन्सवेयर ने कई देशों पर अपना आतंक फैला दिया है। जिनमें भारत और यूरोप भी शामिल हैं। मंगलवार को इसने यूके, रूस, फ्रांस, स्पेन में इसने कंज्यूमर, शिपिंग, एविएशन, ऑइल ऐंड गैस कंपनियों को अपना शिकार बनाया।

 

 

इस साइबर हमले का असर मुंबई में भारत के सबसे बड़े कंटेनर पोर्ट जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) पर भी पड़ा है। मंगलवार रात JNPT के तीन में से एक टर्मिनल पर काम प्रभावित हुआ। इस साइबर हमले से JNPT पर गेटवे टर्मिनल्स इंडिया (GTI) को ऑपरेट करने वाली एपी मोलर मर्सेक कंपनी काम बिल्कुल ठप हो गया। यह कंपनी पोर्ट पर करीब दो करोड़ कंटेनर्स को हैंडल करती है। पोर्ट के अधिकारियों के मुताबिक साइबर हमले से निपटने के लिए कंपनी की मदद की जा रही है।

इसे भी पढ़िए :  इनकम टैक्स रिटर्न भरने का आज आखिरी दिन

 

पीटरैप को पीएट्जा (petya) नाम के पुराने रैन्समवेयर का अडवांस वर्जन माना जा रहा है। पीएट्जा ने 20 नामी कंपनियों की कम्प्यूटर स्क्रीन्स लॉक कर दी थीं, जिन्हें अनलॉक करने के ऐवज में 300 डॉलर की डिमांड रखी गई थी। जानकारों का मानना है कि मंगलवार को रैन्समवेयर ने मॉन्डेल्ज, मर्क और मेर्स जैसों को खासतौर पर निशाना बनाया था। ऐंटीवायरस सॉफ्टवेयर्स सप्लाई करने वाली कंपनी ऐवीरा ने भी इसकी पुष्टि की है।

इसे भी पढ़िए :  2,500 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर विलफुल डिफॉल्टर बने कैलाश अग्रवाल को सीबीआई ने किया गिरफ्तार

 
यूके और रूस बेज्ड ऑइल ऐंड गैस, ऊर्जा व एविएशन से जुड़ीं भारतीय सहायक कंपनियां भी इसने निशाने पर रहीं। रैन्समवेयर जैसे हमलों से सीधे पैसे की उगाही करना आसान है और इसीलिए अब ये आधुनिक हमलावरों का हथियार बन रहे हैं।

इसे भी पढ़िए :  बड़ी-बड़ी कंपनियों को पछाड़कर, इस टॉफी के नमकीन स्वाद ने मचाई धूम, 2 साल में कमाए 300 करोड़

 

 
रैन्समवेयर के गंभीर नुकसान यूक्रेन को भुगतने पड़ रहे हैं। यहां सरकारी मंत्रालयों, बिजली कंपनियों और बैंक के कम्प्यूटरों में खराबी सामने आ रही है। यूक्रेन का सेंट्रल बैंक, सरकारी बिजली वितरक कंपनी यूक्रेनेर्गो, विमानन कंपनी एंतोनोव व कुछ डाक सेवाएं इसकी जद में आई हैं। बताया जा रहा है कि कई पेट्रोल स्टेशनों को अपना काम-काज रोकना पड़ा है।