नई दिल्ली। मोदी सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 2,500 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना टारगेट से कम नैचुरल गैस का उत्पादन करने पर रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसकी पार्टनर कंपनियों लगाया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज केजी बेसिन-डी6 गैस रिजर्व से गैस उत्पादन कर रहीं हैं।
रिलायंस पर पहले भी लगा है जुर्माना
इससे पहले भी रिलायंस पर कम गैस उत्पादन के लिए जुर्माना लग चुका है। इस जुर्माने के साथ आरआईएल और उसकी पार्टनर कंपनियों पर कुल जुर्माना 18 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। टारगेट से कम उत्पादन पर यह जुर्माना 1 अप्रैल, 2010 के बाद पांच फाइनेंशियल ईयर के दौरान लगाया गया है। आरआईएल और इसकी सहयोगी कंपनियों इंग्लैंड की ब्रिटिश पेट्रोलियम व कनाडा की नीको रिसोर्सेज के बीच प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट किया गया था। इसके तहत इन कंपनियों को यहां से पैदा होने वाली नैचुरल गैस को बेचकर ही रिफाइनिंग में आए खर्च को वसूल करना था।
10 फीसदी ही हो रहा है उत्पादन
केजी बेसिन-डी6 से प्रतिदिन 80 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर नैचुरल गैस उत्पादन का टारगेट है। लेकिन 2011-12 में यह रोजाना केवल 35.33 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर, 2012-13 में 20.88 और 2013-14 में महज 9.77 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर ही रहा। मौजूदा समय में इस रिजर्व से रोजाना केवल 8 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर नैचुरल गैस उत्पादन हो पा रहा है।