भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने संसद के बार-बार स्थगित होने पर फिर गुस्सा जताया। नोटबंदी के बाद से विपक्ष ने संसद को एक बार भी सही ढंग से चलने नहीं दिया। इससे सिर्फ लालकृष्ण आडवाणी ही नहीं बल्कि राष्ट्रपति से लेकर स्पीकर भी परेशान है। हर बार संसद में यह कहा जाता है कि हमें पीएम से जवाब चाहिए जबतक वह जवाब नहीं देंगे तब तक संसद को सही ढंग से नहीं चलेगी। किरेन रिजिजू और अगुस्टा वेस्टलैंड डील पर हंगामे के चलते आज भी यही हुआ और एक बार फिर संसद को स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा दिन भर के लिए स्थगित हो गई है, जबकि राज्यसभा का काम भी दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित हो गया। इस बीच बीजेपी के वयोवृद्ध नेता और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने संसद का कामकाज ठप होने पर नाराजगी जाहिर की है। सरकार की ओर से अगुस्टा डील मुद्दा उठाए जाने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में झड़प के बाद लोकसभा स्थगित होने से आडवाणी व्यथित दिखाई दिए। हंगामे से दुखी होकर आडवाणी ने कहा, ‘सोचता हूं संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दूं।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद इद्रीस अली ने कहा, ‘लालकृष्ण आडवाणी ने मुझसे कहा कि सोचता हूं इस्तीफा दे दूं। उन्होंने कहा कि यदि अटल जी आज अगर संसद में होते तो बहुत दुखी होते। आडवाणी ने कहा, ‘कोई जीते या हारे। इस हंगामे संसद की हार हो रही है। स्पीकर से बात करके कल चर्चा होनी चाहिए।
LK Advani told me that he feels like resigning, adding “had Atal ji been in the Parl today, he would have been upset”: TMC MP Idris Ali
— ANI (@ANI_news) December 15, 2016