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डीमोनेटाइज़ेशन के बाद जहां भारत की जीडीपी में गिरावट आने की बात कही जा रही है वहीँ इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी गहरी चोट लगी है। भारतीय रिजर्व बैंक के ताज़ा आंकड़ों अनुसार 8 नवम्बर के बाद कैरेंसी को वापस लिए जाने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में 5.8 लाख करोड़ की कमजोरी आयी है।
एक्सपर्ट का कहना है की ऐसा करेंसी की कमी से समय पर भुगतान न होने जैसे कारणों से हुआ है। वहीँ जानेमाने अर्थशास्त्री अमृत्य सेन ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा नोटबंदी न समझदारी भरा कदम है और न ही मानवीय कदम। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से होने वाला लाभ बहुत कम, जबकि परेशानियां बहुत ज्यादा हैं। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि लोग काले धन का बहुत थोड़ा सा हिस्सा नकदी के रूप में रखते हैं।
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