डीजल वाहन बंद होने से वाहन उद्योग को लगा 4 हजार करोड़ का चूना

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राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी या अधिक की इंजन क्षमता के डीजल वाहनों पर रोक लगाई थी। इस प्रतिबंध के बाद ना सिर्फ इंजन वाले वाहन रखने वाले लोगों को नुकसान झेलना पड़ा बल्कि इस प्रतिबंध से वाहन उद्योग जगत को भी मोटा नुकसान हुआ। दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी और इससे अधिक क्षमता के डीजल वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध से वाहन उद्योग को आठ महीनों में करीब 4,000 करोड़ रपये का नुकसान हुआ। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के अध्यक्ष विनोद दसारी ने ये बात कही।

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सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने ऐसे डीजल वाहनों के पंजीकरण पर रोक हटा दी है। लेकिन इन पर एक प्रतिशत का पर्यावरण उपकरण लगाया गया है। वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ :एक्मा: के 58वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए दसारी ने कहा कि अदालतों को गलत सूचना दी गई जिसकी वजह से यह प्रतिबंध लगाया गया।

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सियाम के अध्यक्ष ने कहा, मीडिया में शोरगुल, अपर्याप्त अनुचित सूचना के आधार पर अदालत ने यह प्रतिबंध लगाया, जबकि ये वाहन सरकार द्वारा तय मानदंडों को पूरा करते हैं। यह पहली बार हुआ है जबकि कानून का पालन करने पर आपको दंडित किया गया है। गौरतलब है कि वाहन उद्योग को इन आठ महीनों में 4,000 करोड़ रपये का नुकसान हुआ।

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