संसद का शीतकालीन सत्र शुरु होने से पहले लोकसभा सचिवालय ने पत्रकारों के लिए नए नियम कानून बनाए हैं। इसके मुताबिक मीडिया कर्मियों से कहा गया हैं किसी मंत्री या सांसद से बातचीत करके फोटोग्राफ नही ले सकते हैं।
अगर किसी पत्रकार को संसद परिसर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जैसी हस्तियां अगर आपको दिखती हैं तो आप न तो उनसे हाय-हेलो कीजिए और न ही उनसे बातचीत कीजिए या फोटो खींचिए। अगर ऐसा करते पाए गए तो लोकसभा सचिवालय आरोपी मीडिया कर्मी को दो दिनों के लिए संसदीय रिपोर्टिंग करने से सस्पेंड कर सकता है। लोकसभा सचिवालय का प्रेस और पब्लिक रिलेशन्स विंग ने बुधवार को मीडियाकर्मियों को जारी दिशा निर्देश में बड़े पैमाने पर क्या करें और क्या न करें की सूची सौंपी है।
कोई भी मीडिया कर्मी लोकसभा सचिवालय के प्रेस एंड पब्लिक रिलेशन्स विंग से बिना अनुमति लिए मंत्री या संसद सदस्य को छोड़कर किसी अन्य व्यक्ति से न तो इंटरव्यू ले सकता है, नो फोटोग्राफ खींच सकता है और न ही बातचीत कर सकता है।” हालांकि, संसदीय सचिवालय के अधिकारी इसमें कोई नई बात होने से इनकार कर रहे हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक पत्रकारों को किसी भी पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, मुख्यमंत्रियों, विधायकों या अन्य प्रमुख हस्तियां जो संसद परिसर में होंगे उनसे बात करने से पहले लोकसभा सचिवालय के पीआर विभाग से अनुमति लेनी होगी।
अगले पेज पर पढ़िए आगे की खबर-