‘पीपली लाइव’ के असिस्टेंट डायरेक्टर को जेल, रेप का था आरोप

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महमूद फारूकी की फाइल फोटो

दक्षिणी दिल्ली: हिंदी फिल्म पीपली लाइव के सहनिर्देशक महमूद फारूकी को साकेत की एक अदालत ने दुष्कर्म के मामले में शनिवार को दोषी करार दे दिया। अतिरिक्त सेशन जज संजीव जैन ने खचाखच भरी अदालत में कहा कि दो अगस्त को सजा पर जिरह होगी। फारूकी फिलहाल जमानत पर थे। दोषी ठहराए जाने के बाद तत्काल उन्हें हिरासत में ले लिया गया। इस मामले में फारूकी को कम से कम सात साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा सुनाई जा सकती है।

कोलंबिया निवासी 30 वर्षीय पीड़िता के साथ महमूद फारूकी ने उस समय दुष्कर्म किया था जब वह उनके घर पर गई थी। युवती का आरोप है कि पीपली लाइव के सह निर्देशक उस समय नशे में थे। वह एक रिसर्च के सिलसिले में भारत आई थी। इसी संबंध में फारूकी से मिलने उनके घर गई थी। न्यू फ्रेंड्स कालोनी थाने में उसकी शिकायत पर 19 जून 2015 को मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद फारूकी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने 29 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस ने जांच के बाद इस बात को सच माना था कि 28 मार्च को अपने सुखदेव विहार स्थित घर में फारूकी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। अदालत ने नौ सितंबर 2015 को ट्रायल शुरू किया था। उन पर दुष्कर्म के आरोप के तहत चार्ज फ्रेम किए गए थे। उसके बाद फारूकी को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। अभी वह जेल से बाहर ही थे। दो अगस्त को होने वाली जिरह में फारूकी के वकील केवल इस बात पर दलील दे सकते हैं कि उन्हें कम से कम सजा कितनी और क्यों दी जाए।

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महमूद फारूकी ने अमेरिकन रिसर्चर के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद जो ई-मेल उसे भेजे वह इस मामले में सबसे बड़ा साक्ष्य बनकर सामने आए। अमेरिकी महिला ने कोर्ट में बयान दिया था कि घटना के बाद जब वह अपने वतन वापस लौट गई तो दोनों के बीच कुल नौ ई-मेल संवाद हुए थे, जिसमें से एक में फारूकी ने इस घटना के लिए उससे माफी मांगी थी। शोध के रिसर्च एडवाइजर व फारूकी की पत्नी अनुषा रिजवी के बीच भी ई-मेल संवाद हुए थे। दोनों ने संवेदना जताई थी। इस मामले में और जो तथ्य फारूकी के खिलाफ गए उनमें पुलिस की रिपोर्ट के साथ गवाहों के बयान अहम रहे। पुलिस ने तफ्तीश के दौरान यह बात मजबूती से सामने रखी कि उस जैसी शख्सियत का दुष्कर्म में लिप्त होना संगीन है। पीड़िता उसके पास मदद के लिए गई थी। उसे ऐसी हरकत का अंदेशा भी नहीं था। अदालत ने सुनवाई की दौरान फारूकी की पत्नी के व्यवहार पर भी सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि एक पत्नी जिसके पति पर दुष्कर्म जैसा संगीन आरोप लगाया गया हो। उसके बाद भी कैसे चुप रह सकती है। फारूकी और पीड़िता के कॉमन फ्रैंड दानिश हुसैन, पीड़िता की अंतरंग दोस्त जैकलिन और फारूकी के बचपन के दोस्त आशीष से भी पूछताछ हुई। दानिश का कहना था कि 19 जून की रात अनुषा रिजवी ने उनसे बात की थी। उसने कहा था कि वह लगातार पीड़िता के संपर्क में रहे और उसे समझाए। दानिश ने क्रॉस एग्जामिनेशन के समय दोनों में हुई बातचीत की कॉल डिटेल और टेक्स्ट मैसेज भी कोर्ट में पेश किया। आशीष ने कहा था कि वह आरोपी के घर घटना की रात 8.30 में पहुंचा था। पीड़िता उसके कुछ देर बाद वहां पहुंची थी। पीडिता ने वहां से जाने की इच्छा तो फारूकी ने कैब बुला लिया, फिर वह वहां से चली गई।
पीड़िता ने बाद में हाई कोर्ट से अपील की थी कि आशीष को री- एग्जामिन किया जाए। हाई कोर्ट ने 12 फरवरी को री-एग्जामिन किए जाने का आदेश दिया था। आशीष ने दोबारा बयान में इसे खारिज किया था कि वह फारूकी को बचाने की जुगत भिड़ा रहा था।

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मामले में कब क्या हुआ
– 28 मार्च 2015 को पीपली लाइव के सह निर्देशक महमूद फारूकी ने अपने घर पर 30 वर्षीय अमेरिकन रिसर्चर के साथ दुष्कर्म किया।
– न्यू फ्रेंड्स कालोनी पुलिस ने 19 जून को उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।
– पुलिस ने 20 जून को फारूकी को गिरफ्तार किया।
– 29 जुलाई को पुलिस ने चार्जशीट अदालत में दाखिल की जिसमें उसे 376 के तहत आरोपी बनाया गया। 1
– 9 अगस्त को मामला सेशन कोर्ट भेजा गया।
– 20 अगस्त को फारूकी ने जमानत के लिए अदालत का रुख किया।
– 2 सितंबर को अदालत ने आरोपी पर दुष्कर्म का चार्ज फ्रेम किया।
– 30 जुलाई को अदालत ने फारूकी को दोषी साबित किया। जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
– दो अगस्त को दुष्कर्म के इस मामले में सजा पर बहस होगी।

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