इस समीक्षा बैठक के आधार पर भारतीय जनता पार्टी की प्रचार मशीनरी विकास कार्यों के ब्योरे को अपने चुनाव प्रचार के एजंडे में शामिल करेगी। उत्तर प्रदेश कोटे के केंद्रीय मंत्रियों की संख्या सबसे ज्यादा- नौ है। हालांकि, उनमें से चंदौली से चुने गए महेंद्र पांडेय, शाहजहांपुर की कृष्णा राज, मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल आदि पहली बार सांसद ही बने हैं। फिर भी, बतौर मंत्री उनके क्षेत्रों में किए गए कामकाज को भाजपा अपने चुनाव प्रचार अभियान का हिस्सा बनाने की तैयारी में है। केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के पास प्रधानमंत्री के चुनाव क्षेत्र वाराणसी का प्रभार भी है। यूपी कोटे के मंत्रियों और सांसदों को पहले से ही चुनाव क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करने को कह दिया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने अगस्त में इसी तर्ज पर सांसदों की रिपोर्ट कार्ड मंगाई थी और प्रधानमंत्री ने समीक्षा बैठक की थी। उसके बाद ही भारतीय जनता पार्टी ने देश भर में तिरंगा यात्राएं निकाल कर लोगों को विकास कार्यों और उनमें हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी थी। अभी हाल उत्तर प्रदेश भाजपा के नेताओं के साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बैठक की। उसके बाद ही चुनाव प्रचार में मंत्रियों के विभागों की विकास योजनाओं को शामिल करने पर मंथन शुरू किया गया।