कलेक्शन न बढ़ने से परेशानी: सरकार को उम्मीद थी कि ब्लैक मनी, गोल्ड बॉन्ड्स और अन्य स्कीमों से टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले काला धन खुलासा स्कीम के तहत 65,000 करोड़ रुपये ब्लैक मनी का खुलासा किया गया। मगर, दूसरी बार जब सरकार ने इस स्कीम को मार्केट में उतारा तो मात्र 10,000 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी का खुलासा ही हुआ।
सरकार ने 24 से 28 अप्रैल के लिए गोल्ड बॉन्ड्स जारी किए। पिछले 2 सालों में सरकार 7 बार गोल्ड बॉन्ड जारी कर चुकी है। लेकिन इसमें लोगों का रुझान उम्मीद से काफी कम रहा। यही कारण है कि इस साल के दौरान सरकार ने गोल्ड बॉन्ड में करीब 5 हजार करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा है। पिछले साल उसने 10,000 करोड़ का लक्ष्य रखा है। यानी इस स्कीम को ठंडी प्रतिक्रिया मिली है।
सतत प्रक्रिया: वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि मोदी सरकार हमेशा लोकहित को देखते हुए योजनाओं जमीन पर उतार रही है। यह एक सतत प्रक्रिया है। हमारी स्कीमें मार्केट और लोगों की अपेक्षाओं पर खरी उतरें, इसके लिए भी भरपूर प्रयास होते रहते हैं।