रेलमंत्रालय से प्रधानमंत्री कार्यालय खफा हैं। रेलमंत्री सुरेश प्रभु के कार्यालय को लिखे गए गए पत्र में पीएमओ ने रेलवे की कार्यप्रणाली पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि विभाग ने पिछले दो साल में कई लक्ष्यों को पूरा नहीं किया। डीएनए में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 31 जनवरी को लिखे गए पत्र में, पीएमओ ने पिछले साल हुए ट्रेन हादसों पर हैरानी जताई जिसमें करीब 225 लोगों ने अपनी जान गंवाई। हालांकि रेलवे द्वारा ‘सुविधाओं का आधुनिकीकरण’ पूरा न करने को लेकर भी पीएमओ नाराज है, उसके अनुसार इस क्षेत्र में अब तक कुछ नहीं हुआ है। पत्र में कहा गया है, ”आपको पता है कि सरकार का फोकस रेलवे में सुविधाओं के आधुनिकीकरण और विकास पर है। 2016 तक की प्रगति की समीक्षा करते हुए, 1500 किलोमीटर की रेलवे ट्रैक डबलिंग के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 531 किमी ट्रैक ही डबल किया जा सका है।”
पीएमओ के पत्र में कहा गया है कि इलेक्ट्रिफिकेशन में 2000 आरकेएम के लक्ष्य के मुकाबले रेलवे ने सिर्फ 1,210 किमी पर ही काम पूरा किया है। रेलवे बोर्ड एके मित्तल को संबोधित कर लिखे गए पत्र में पीएमओ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ‘रेलवे को अगले बजट (2018 के लिए) में ज्यादा राशि दिए जाने की वजह’ बतानी होगी। इस साल के रेल बजट में, वित्त मंत्रालय ने विभाग को 1,31,000 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि अलॉट की है। रेलवे को अन्य परिवहन मंत्रालयों- सड़क और नागरिक उड्डयन से कहीं ज्यादा धन अलॉट किया गया है।
































































