नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार(1 फरवरी) को 2017-18 का आम बजट पेश किया। इस बजट में राजनीतिक पार्टियों पर बेनामी नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये से घटाकर 2,000 तक सीमित करने के बाद सरकार अब ऐसा कानूनी संशोधन करने जा रही है, जिसके तहत उन्हें हर साल दिसंबर तक आय का विवरण विभाग में दाखिल करना जरूरी होगा। अगर पार्टियां ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें मिलने वाली कर छूट खत्म हो जाएगी।
राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने इस बार के बजट के साथ प्रस्तुत वित्त विधेयक में आयकर कानून में ऐसे संशोधन का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत पार्टियों को हर साल दिसंबर तक आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य हो जाएगा।
उदाहरण के तौर पर उन्हें आकलन वर्ष 2018-19 यानी (1 अप्रैल 2017 से शुरू हुए वर्ष 2017-18 की आय के आकलन के वर्ष) के लिए आयकर विभाग में 31 दिसंबर 2018 तक विवरण प्रस्तुत करना होगा।
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