कश्मीर में सेना द्वारा मारे गए लश्कर के तीन आंतकियों के अंतिम संस्कार में जहां सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि देने आए। वहीं श्रीनगर में आंतकी हमले में मारे गए छह पुलिसकर्मियों को अंतिम विदाई देने के लिए राज्य का कोई नेता नहीं आया। हालांकि सूबे के पुलिस अधिकारी और प्रशासन के कुछ अफसर जरूर नजर आए। बता दें कि बीते शुक्रवार (16 जून, 2017) को अनंतनाग के अचाबल में भारी हथियारों से लैस लश्कर के आतंकियों ने घात लगाकर पुलिस दल पर हमला किया था। इस हमले में एसएचओ फिरोज अहमद सहित छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए। वहीं जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल कुमार सिंह ने निर्वाचित प्रतिनिधियों का इसपर बचाव किया है। उन्होंने कहा कि वे विधानसभा में व्यस्त थे क्योंकि उस दौरान (17 जून, 2017) विधानसभा का सत्र चल रहा था। इसलिए विधायक और मंत्री वहां नहीं जा सके। हालांकि उन्होंने अन्य नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि दूसरे राजनेताओं को वहां जाना चाहिए था। शनिवार सुबह 9:30 बजे राजधानी श्रीनगर की जिला पुलिस लाइन में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई थी।
निर्मल सिंह ने आगे कहा कि शनिवार को विधानसभा का सत्र पुलिस लाइन में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के 1.5 घंटे बाद सुबह 11 बजे शुरू हुआ था। इस दौरान मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और सभी कैबिनेट सहयोगी मौजूद थे। इस दौरान सूबे में बढ़ती हुई हिंसा पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आप बंदूक और आर्म्ड फोर्स से राज्य में शांति स्थापित नहीं कर सकते। बातचीत ही एक मात्र रास्ता है। बता दें कि गठबंधन से सरकार चला रही भाजपा कश्मीरी अलगावियों से बातचीत के खिलाफ है।
वहीं स्टेट पुलिस चीफ एसपी वेद ने हमलावरों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस दस्ते पर हमला करने वाले आतंकियों की पहचान कर ली गई है। लश्कर-ए- तैयबा के टॉप आतंक जुनैद मट्टू की हत्या का बदला लेने के लिए ये हमला किया गया। जानकारी के लिए बता दें कि बीते शनिवार को जुनैद मट्टू का शव पुलिस ने बरामद किया था। वहीं कश्मीर में पुलिस हेड मुनीर खान ने सूत्रों के हवाले से जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस दस्ते पर हमला करने वाले आंतकियों का मुखिया बशीर लश्करी था।