उन्होंने कहा- ‘महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा देश की प्राथमिकता होनी चाहिए। महिलाओं और बच्चों को लेकर रुख से किसी भी समाज की परख होती है। भारत को इस परीक्षा में खरा उतरना चाहिए।’
राष्ट्रपति ने याद दिलाया कि भारत पुराने वक्त से ही आजाद ख्याल और अभिव्यक्ति का गढ़ रहा है। उनके मुताबिक हमारे समाज में अलग-अलग विचारधाराओं के बीच बहस चलती आई है और अभिव्यक्ति की आजादी संविधान के मूलभूत गुणों में से एक है। लिहाजा आलोचना और असहमति के लिए हमेशा जगह होनी चाहिए। प्राचीन काल तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालयों का जिक्र करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमारे शिक्षण संस्थान वो जरिया हैं जिनसे भारत एक ज्ञान आधारित समाज में विकसित हो सकता है।
रामजस कॉलेज में एबीवीपी और वामपंथी संगठनों के बीच हिंसा के बाद गुरमेहर कौर का सोशल मीडिया संदेश वायरल हुआ था। इसके बाद तमाम नेता उनके विरोध या पक्ष में उतर आए थे। गुरमेहर कौर को बीजेपी समेत कई दक्षिणपंथी संगठनों का विरोध झेलना पड़ा था। सोशल मीडिया पर मिली धमकियों के बाद सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है।