अगर आप रेलवे के दैनिक सवारी हैं तो जल्द ही आपको नरेंद्र मोदी सरकार झटका देने वाली है। जी हां, सरकार अब सामान्य श्रेणी के रेल टिकटों पर सुरक्षा कर लगाने जा रही है। अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी एक खबर में कहा है कि सरकार तय किराए पर 2 फीसदी अतिरिक्त सेफ्टी टैक्स वसूलेगी। इस फंड का इस्तेमाल रेल सुरक्षा पर किया जाएगा। बता दें कि रेलवे के 94 फीसदी यात्री सामान्य टिकट यानी गैर आरक्षित श्रेणी में सफर करते हैं। पिछले कुछ सालों में एसी-1 और एसी-2 श्रेणी के रेल किराए में क्रमश: बढ़ोत्तरी होती रही है लेकिन अब तक सामान्य श्रेणी के गैर आरक्षित और उपनगरीय ट्रेनों के किराए में बढ़ोत्तरी नहीं हुई थी। केंद्र सरकार के पूर्ण नियंत्रण वाले भारतीय रेल पर फिलहाल 32 हजार करोड़ रुपये का बोझ है जो दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। रेलवे का ऑपरेशनल कॉस्ट सबसे ज्यादा है। रेलवे की इस नई पहल से मौजूदा वित्तीय वर्ष में 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने के आसार हैं। यह रकम रेलवी की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे जैसा कि 2017 के बजट भाषण में रेलवे के सेफ्टी फंड की चर्चा वित्त मंत्री ने की थी।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु का कहना है, “हमें रेलवे और यात्रियों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी फंड तैयार करना होगा और हमें उम्मीद है कि इसमें आम जनमानस सहयोग करेगा।” उन्होंने कहा कि हमलोग सभी विकल्पों पर चर्चा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये का स्पेशल सेफ्टी फंड बनाने का फैसला किया है। इस फंड के जरिए रेल ट्रैक और सिग्नल सिस्टम का अपग्रेडेशन के अलावा मानव रहित फाटकों को खत्म करने का काम किया जाना है। यानी हर साल सरकरा इन मानकों पर बीस हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।