सरकार करती रही बॉर्डर पर शांति के दावे, लेकिन इस साल शहीद हुए 87 जवान

0
87 जवान

भारतीय आर्मी ने जम्मू और कश्मीर में इस साल आतंकी हमलों में अब तक 87 जवान शहीद हो चुके हैं। इनमें से 71 जवान सिर्फ कश्मीर घाटी में शहीद हुए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है सीजफायर का उल्लंघन बढ़ना, घुसपैठ और लाइन ऑफ कंट्रोल पर हो रहे हमले हैं।

बता दें, सितंबर में जम्मू कश्मीर के उरी में हुए हमले पर आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के बाद भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर आतंकवादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी जिसमें सेना ने कई आतंकी कैंपों को नेस्तनाबूद किया था। लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से आतंकी हमलों की वारदातों बढ़ गई है।

इसे भी पढ़िए :  जम्मू कश्मीर : शोपियां में सेना पर आतंकी हमला, 7 जवान घायल

टेटर वॉच डाटा साइट साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल (एसएटीपी) के मुताबिक,पिछले सप्ताह तक राज्य के विभिन्न आतंकी हमलों में 2016 में 84 सुरक्षा बलों के जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 2008 के मुंबई हमलें में मारे गए 90 सुरक्षाकर्मियों के बाद ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है। 2012 में 17 मौतों के साथ ये संख्या सबसे कम थी। वहीं 2009 में शहीदों की संख्या 78, 2013 में 61, 2014 में 51 और 2015 में 41 रहीं।

इसे भी पढ़िए :  पाक ने कबूला, उसकी हिरासत में है भारतीय जवान चंदू बाबूलाल, जल्द हो सकती है घर वापसी

इस पर एक आर्मी अफसर का कहना है कि आंतरिक इलाकों में शहीद होने वालों की संख्या दो बड़े हमलों की वजह से ज्यादा है। जिसमें उरी और नगरोटा हमला शामिल है। उरी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। जिसके बाद ही सीमा पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं बढ़ने लगीं। सीजफायर में दोनों ही देशों की तरफ से भारी हथियारों का इस्तेमाल हुआ। जिसमें तोपें भी शामिल हैं।

इसे भी पढ़िए :  केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया ITBP कैंपस में स्वच्छता अभियान की शुरुआत