मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव रहे राजेंद्र कुमार ने सीबीआई पर प्रताड़ना और झूठ बोलने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। कथित रूप से भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे राजेंद्र कुमार ने वॉलंटरी रिटायरमेंट मांगा है। उन्होंने 12 पेज का लेटर भी लिखा है।
राजेन्द्र कुमार ने पत्र में आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के लिए सीबीआई ने उन पर दबाव डाला था। राजेन्द्र का आरोप है कि सीबीआई ने कहा था कि अगर वह केजरीवाल के खिलाफ बयान दे देंगे तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा। राजेन्द्र ने कहा कि ये सब होने के बाद उनका सिस्टम पर से विश्वास उठ गया है और वे रिटायरमेंट लेना चाहते हैं।
उन्होंने वॉलंटरी रिटायरमेंट की मांग की है। लेटर में कुमार ने लिखा है इस सिस्टम पर उन्हें बहुत विश्वास था, क्योंकि एक गरीब परिवार से आना वाला शख्स भी सिविल सर्विसेज एग्जाम में सफलता पाकर आईएएस बन गया था, लेकिन आज हालात बदल गए हैं। कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के झगड़े में उन्हें मोहरा बनाया गया। उन्होंने लिखा है कि उन्हें 2008 में देश का सबसे प्रतिष्ठित पीएम मेडल मिला और पब्लिक सर्विसेज में शानदार योगदान के लिए प्राइम मिनिस्टर अवॉर्ड दिया गया, लेकिन अब उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। सीबीआई के जरिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और झूठे केसों में फंसाया जा रहा है।
कुमार ने लिखा है कि एसीबी ने एक महीने तक उन सवालों को लेकर पूछताछ की, जिनका उनसे कोई लेना-देना ही नहीं था। सीबीआई पर उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे जबरन मेल का एक्सेस हासिल किया गया और धमकी भी दी गई। सीबीआई ने झूठा केस दर्ज किया और पूछताछ के दौरान बार-बार कहा कि उन्हें छोड़ दिया जाएगा, अगर वह दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान दे दें।
राजेंद्र कुमार ने लेटर में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों का उल्लंघन किया गया और उनका सस्पेंशन गैरकानूनी तरीके से 2 अक्टूबर को फिर से 180 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया। उन्होंने लेटर में लिखा है कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा, लेकिन वह अपने मूल्यों से नहीं हटे। कुमार का कहना है कि बंसल सूइसाइड केस के बाद वह बार-बार यह सोच रहे हैं कि क्या देश में न्याय है?