राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। आपको याद हो तो बुधवार को भी पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन को लेकर भी बयान दिया था जिस पर कांग्रेस ने शर्मनाक बयान करार देते हुए खूब हंगामा भी किया था।
गुरुवार को भी सदन में कुछ ऐसा ही माहौल रहा। सबसे दुखद यह रहा कि दोनों ही पक्षों ने सदन के सभापति, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी तक पर आरोप मढ़े। जहां सत्तापक्ष के सांसदों ने कहा कि आपके रहते सदन में ऐसा नकारात्मक माहौल है, वहीं विपक्ष के नेताओं ने भी नियमों की दुहाई देते हुए पक्षपात का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री के भाषण के अंत में हामिद अंसारी ने अपनी चेयर से उठकर सदन को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने आप दोपहर की कार्यवाही को काफी तकलीफ के साथ देखा। मैं किसी एक पर आरोप नहीं लगाना चाहता क्योंकि अगर इस पूरे प्रकरण को देखें तो सदन के सभी सदस्यों (सत्तापक्ष और विपक्ष) को इस तकलीफदेह स्थिति का आरोप साझा करना पड़ेगा।”
इसके बाद धन्यवाद भाषण पर वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन जिस तरह से उपराष्ट्रपति को भी सदस्यों की टिप्पणियों और व्यवहार का सामना करना पड़ा, वो वोटिंग के पहले ही सदन छोड़कर चले गए। सदन में वोटिंग का काम उपसभापति कुरियन की उपस्थिति में पूरा हुआ।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर वोटिंग के समय सदन में संशोधन प्रस्तावों पर वोट देने के लिए विपक्ष का कोई सांसद मौजूद नहीं था। आखिर तक सभी सांसद वॉकआउट कर चुके थे। यह सदन में सरकार और संसदीय प्रक्रिया के लिए एक शर्मनाक स्थिति थी।
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