पाक पहुंचे राजनाथ सिंह, दाउद और आतंकवाद के मुद्दे उठाएंगे

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दिल्ली
गृह मंत्री राजनाथ सिंह कल आयोजित हो रहे दक्षेस के गृह मंत्रियांे के सम्मेलन में शामिल होने के लिए आज यहां पहुंचे। इस दौरान वह अंडरवर्ल्ड डान दाउद इब्राहिम और सीमापार आतंकवाद के मुद्दे उठा सकते हैं।

बतौर गृह मंत्री पाकिस्तान की पहली यात्रा पर आज शाम यहां आए सिंह को उनकी यात्रा के खिलाफ लश्कर ए तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकी संगठनों की धमकियांे के बाद कड़ी सुरक्षा प्रदान की गई है।

गृह मंत्री एक हेलीकाप्टर से इस्लामाबाद के पॉश इलाके में स्थित सेरेना होटल पहुंचे। कल की बैठक भी यही होनी हैं जिसमें सिंह दक्षिण एशियाई देशों के बीच अर्थपूर्ण सहयोग की जरूरत को रेखांकित करेंगे।

आतंकी संगठनों की किसी भी धमकी से निपटने के लिए होटल की तरफ जाने वाले मार्गों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा अवरोधक लगाए गए हैं। अतीत में ऐसी घटनाएं हुई हैं जब आतंकवादी विस्फोटक से लदे ट्रक लेकर होटलों में घुस गये थे।

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कड़ी सुरक्षा के बावजूद करीब सौ लोग होटल के बाहर एकत्रित हुए और उन्होंने भारत विरोधी नारेबाजी की तथा सिंह की यात्रा के विरोध में प्रदर्शन किया।

लश्कर ए तैयबा संस्थापक हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन ने चेताया था कि अगर सिंह दक्षेस मंत्री सम्मेलन में शामिल होने इस्लामाबाद आए तो उनका संगठन पाकिस्तान में देशव्यापी प्रदर्शन करेगा। इस सम्मेलन का उद्घाटन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ करेंगे।

एक दिवसीय दक्षेस गृह मंत्री सम्मेलन में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद रवाना होने से पहले गृह मंत्री सिंह ने कहा कि उन्हें आतंकवाद तथा संगठित अपराध के खिलाफ क्षेत्र में अर्थपूर्ण सहयोग के महत्व को रेखांकित करने की आशा है।

सिंह ने कहा, ‘‘यह सम्मेलन सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए मंच उपलब्ध कराता है।’’ आशा है कि सिंह पाकिस्तान से भारत में आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद करने तथा लश्कर ए तैयबा तथा जैश ए मोहम्मद जैसे संगठनों पर लगाम कसने के लिए कहेंगे।
भारत संयुक्त राष्ट्र की आतंक निरोधक संस्था द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित और पाकिस्तान से संगठित अपराध गिरोह चला रहे दाउद को सौंपने की मांग करता रहा है। कल की बैठक से पहले आज दक्षेस के गृह सचिवों की सातवीं बैठक हो रही है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महषर्ि कल यहां पहुंचे थे।

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जम्मू कश्मीर में आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भारत . पाक रिश्तों में तनाव के बीच सिंह के अपने पाकिस्तानी समकक्ष चौधरी निसार अली खान के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की संभावना बहुत कम है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा वानी की प्रशंसा करने और यह कहने पर कि कश्मीर एक दिन पाकिस्तान का हिस्सा बनेगा, पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि इस राज्य के उनके देश का हिस्सा बनाने का उनका सपना कभी सच नहीं होगा।

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सम्मेलन की पूर्व संध्या पर शरीफ ने कहा कि कश्मीर ‘‘स्वतंत्रता आंदोलन की नई लहर’’ का गवाह बन रहा है। उन्होंने पाकिस्तानी राजदूतों से विश्व को इस बात से अवगत कराने को कहा कि कश्मीर भारत का ‘‘आंतरिक मामला नहीं’’ है।

इस बैठक में आतंकवाद के अलावा वीजा के उदारीकरण, मादक पदाथरें और छोटे हथियारों की तस्करी एवं इनसे लड़ने के लिए ठोस प्रयासों के बारे में चर्चा होगी।

तीन स्तरीय बैठक की शुरूआत संयुक्त सचिव स्तर से हुई थी और अब सचिव और फिर गृह मंत्री स्तरीय बैठक होनी है।

बैठक का ध्यान दक्षेस सदस्य देशों के पुलिस बलों के बीच नेटवर्क मजबूत करने तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सूचना साझेदारी बढाने पर भी होगा।