एक मुस्लिम ने आत्मघाती हमलावर को गले लगाकर सैकड़ों जानें बचाई

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इराक। ISIS का ये शायद ये पहला फ़िदाइन हमला होगा जिसमें आतंकी को जन्नत और 72 हूरे नसीब नहीं हुई होंगी। इराक के अलमानेर न्यूज़ के मुताबिक ISIS ने इराक के अल सय्यद मोहम्मद के मजार पर फ़िदाइन हमला कर के उसे तहस नहस करने का प्लान बनाया था। ISIS का फ़िदाइन हमलावर जब धमाके की नीयत से अल सय्यद मोहम्मद की मजार पर पहुंचा तो वहां मौजूद नजीह शकीर अल बलदावी नाम के युवक को उस फ़िदाइन पर शक हो गया। नजीह वहां का स्थानीय निवासी था। नजीह को जब आतंकी पर शक हुआ तो उसने बिना देर किए फ़िदाइन हमला करने आए आतंकी को गले से लगा लिया।
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नजीह ने जैसे ही आतंकी को गले से लगाया,आतंकी ने खुद को बम से उड़ा लिया।धमाका होते ही दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।इस हमले में 37 अन्य लोगों की मौत हो गई, जबकि 70 लोग घायल हो गए।चश्मदीदों की माने तो अगर नजीह ने आतंकी को गले लगाकर उसे मजार में घुसने से ना रोका होता तो मरने वालों की संख्या सैंकड़ो में होती।गौरतलब है कि ये हमला इराक के कर्दा में हुए फ़िदाइन हमले के कुछ ही दिनों बाद हुआ है।कर्दा में हुए हमले में करीब 300 लोगों के जान गई थी। कर्दा का हमला, इराक में सद्दाम हुसैन की मौत के बाद अभी तक सबसे बड़ा हमला माना जाता है। इस हमले के बाद से इराक में सिविल वॉर शुरू हो गया था।इराक के ज्वांइंट ऑपरेशन प्रवक्ता के मुताबिक फ़िदाइन नागरिक सेना की ड्रेस में आए थे।

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