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इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के चंगुल से सफलता पूर्वक बच निकली एक इराक़ी युवती को संयुक्त राष्ट्र का सद्भावना दूत बनाया गया है। ISIS के आतंकियों की गिरफ्त में इसे बलात्कार जैसी कई प्रताड़नायें सहनी पड़ीं थी। 23 वर्षीय इस युवती को मानव तस्करी के चंगुल से बचने वाले लोगों के सम्मान में ये उपाधि दी गयी है।
नादिया मुराद बसी ताहा नाम की 23 वर्षीय यजीदी युवती ने कल जिहादी समूह के पीड़ितों के लिए इंसाफ का आह्वान किया और कहा कि 2014 में यजीदी लोगों पर किए गए हमले को जनसंहार करार दिया जाना चाहिए। नादिया को इराक के उत्तरी शहर सिंजर के पास स्थित उनके गांव कोचो से अगस्त 2014 में उठा कर आईएस के नियंत्रण वाले मोसुल में ले आया गया था। वहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसे कई बार खरीदा-बेचा गया।
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