नई दिल्ली:पूर्व सांसदों और विधायकों की पेंशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से जो सवाल पूछे थे उनके जवाब में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि यह तय करने का अधिकार केवल संसद को है कि सांसदों को कितनी पेंशन दी जा सकती है।
संसद सदस्यों को मिलने वाली पेंशन और अन्य सुविधाएं रद्द करने दिन बाद राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विपक्षी सदस्यों ने चिंता जताते हुए कहा कि सांसदों की छवि धूमिल की रही है।
विपक्षी सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट की इस कथित टिप्पणी का मुद्दा उठाया था कि 80 फीसदी पूर्व सांसद ‘करोड़पति’ हैं। जेटली ने कहा, ‘मैं सदस्यों की भावनाओं का सम्मान करता हूं और सरकार हमेशा इस रुख पर कायम रहेगी। मेरे विचार से अंतर-संस्थागत अनुशासन के तहत यह एक संवैधानिक रुख है जिसका सभी संस्थानों को सम्मान करना होगा।
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