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कदाकिन ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि सरकार द्वारा तय की गई यह सीमा दूतावास संचालन के खर्चों के लिए पूरी तरह नाकाफी है। उन्होंने कहा कि ये पैसे तो ‘एक ठीकठाक से डिनर का बिल चुकाने के लिए भी काफी भी नहीं’। रूसी राजदूत ने साथ ही सवाल किया, ‘दिल्ली में इतना बड़ा दूतावास नकदी के बिना कैसे काम कर सकता है?’ दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में करीब 200 लोग काम करते हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की घोषणा की थी, जिससे सर्कुलेशन में मौजूद करीब 86 फीसदी नकद चलन से बाहर हो गए थे और देश भर में लोगों को नकदी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार ने नकदी वितरण को सुचारू रखने के लिए बैंकों एवं एटीएम से नकद निकासी पर सीमा लगा रखी है।
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