भारतीय स्टेट बैंक ने अपने करीब 7016 करो़ड़ रुपये का बकाया लोन डुबा हुआ मान लिया है। इनमें विजय माल्या भी शामिल हैं। विजय माल्या की राशि बाकी कुल राशि का करीब 80 प्रतिशत है। माल्या पर विभिन्न बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये बकाया है। वो अभी देश से फरार हैं। इस मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को सफाई दी कि राइट ऑफ का ये मतलब नहीं है कि लोन माफ कर दिया गया है।
जेटली ने राज्यसभा में माल्या का लोन माफ होने की खबरों पर सफाई दी। वित्त मंत्री ने कहा, ‘राइट ऑफ करने का मतलब सिर्फ इतना होता है कि बैंक द्वारा अकाउंटिंग बुक में लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स मान लिया गया है। राइट ऑफ करने को लोन का मतलब लोन की माफी नहीं होता। लोन की रिकवरी के प्रयास अब भी जारी रहेंगे।’
जिन कर्जदारों का लोन डूबा हुआ माना गया है, उनमें टॉप 20 में किंगफिशर एयरलाइंस (1201 करोड़),केएस ऑयल (596 करोड़), सूर्या फार्मास्यूटिकल्स (526 करोड़), जीईटी पावर (400 करोड़) और साई ईन्फो सिस्टम (376 करोड़) हैं। हालांकि बैंक का कहना है कि यह एक कॉमर्शियल निर्णय है और इसका मोदी सरकार के नोटबंदी से कोई संबंध नहीं है। भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य अरुंधति भट्टाचार्य ने ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ से कहा कि ये डूबा हुआ नहीं माना जाएगा। इन्हें उन खातों में डाला गया है, जिस खाते को एकाउंट्स अंडर कलेक्शन कहा जाता है। प्रबंधन द्वारा मासिक समीक्षा और बोर्ड द्वारा तिमाही समीक्षा सहित इन सभी ऋणों की वसूली के लिए एक बहुत मजबूत प्रक्रिया है।