प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को मनी लांड्रिंग जांच से जुड़े मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या की 6630 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की है। इससे पहले माल्या को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धाराओं के तहत प्रोक्लेमेशन आदेश जारी किया गया था, लेकिन वह विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए। सूत्रों ने कहा कि एजंसी ने अपनी कार्रवाई योजना के तहत कुर्क और फ्रीज करने के लिए माल्या और उनके परिवार के सदस्यों के कुछ गिरवी रखे शेयरों, संबंधित चल और अचल परिसंपत्तियों की पहचान की है। इस मामले में माल्या के अलावा उन लोगों के खिलाफ भी ऐसी कार्रवाई की जा सकती है जिनका नाम इसमें आया है।
इस बीच, एजंसी विशेष अदालत से ‘फरार व्यक्ति’ आदेश जारी करवाने की प्रक्रिया में है जिसे आगे विदेश मंत्रालय को भेजा जाएगा, जिससे भारत-ब्रिटेन एमएलएटी को लागू कर माल्या को जांच में शामिल करने को भारत वापस लाया जा सके। ईडी ने इससे पहले जून में माल्या के खिलाफ प्रोक्लेमेशन नोटिस जारी करने की अपील की थी। उसका कहना था कि माल्या के खिलाफ कई गिरफ्तारी वॉरंट लंबित हैं। इनमें पीएमएलए के तहत एक गैर जमानती वॉरंट भी है। एजंसी चाहती है कि वह व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जांच में शामिल हों। प्रवर्तन निदेशालय कुछ महीने पहले पीएमएलए के तहत माल्या की 1,411 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क कर चुका है।
एजंसी चाहती है कि माल्या और अन्य के खिलाफ 900 करोड़ रुपए के आइडीबीआई बैंक धोखाधड़ी मामले में माल्या को जांच में व्यक्तिगत रूप से शामिल करना चाहती है। माल्या और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने इस त्रण के एक हिस्से को अपने विदेशी कारोबार में स्थानांतरित कर दिया था। निदेशालय ने पहले माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने के लिए भारत-ब्रिटेन आपसी कानूनी सहयोग संधि (एमएलएटी) को लागू करने की मांग की है।