गौरतलब है कि सेना प्रमुख बिपिन रावत ने गोगोई को आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) कॉमन्डेशन से नवाजा है। सेना ने गोगोई की आलोचनाओं को धता बताते हुए उन्हें इस सम्मान से नवाजा है। एक जवान से आर्मी सर्विस कॉर्प में मेजर के पद तक पहुंचने वाले गोगोई की एक युवक को जीप पर बांधकर मानव ढाल बनाने की घटना की काफी आलोचना हुई थी। गोगोई पर मानवाधिकार और जिनीवा समझौते के उल्लंघन का आरोप लगे थे।
सेना ने कहा कि गोगोई को सम्मान देने का फैसला एक कर्नल के नेतृत्व वाली समिति ने किया। समिति ने वस्तुस्थिति की जांच के बाद उन्हें सम्मान देना तय किया। सेना का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब कुछ धड़ों द्वारा अलगाववादियों से बातचीत की मांग उठ रही है। सेना के इस कदम को केंद्र द्वारा सेना को समर्थन के तौर पर भी देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि केंद्र आतंकवाद प्रभावित दक्षिण कश्मीर में सेना के कदम को रोकना नहीं चाहती है। सेना इस इलाके में कानून-व्यवस्था को चुस्त करने की भरसक कोशिश में लगी है।