नई दिल्ली : आपको ये जानकर शायद आश्चर्य होगा कि देश के कुल बूचड़खानों में से 41 फ़ीसदी बूचड़खाना बीजेपी शासित राज्यों में हैं। ये जानकारी एक आरटीआई के जवाब में मिली है। आरटीआई के जवाब में देश भर में कुल 1623 स्लॉटटर हाउस बताए गए हैं जिनमें से 675 तो भाजपा के शासन वाले राज्योंब में हैं।पशुओं, खासतौर पर गायों को लेकर समाज में बेहद संजीदगी दिखाने वाली पार्टी भाजपा पर इस आंकड़े को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता कह रहे हैं असल में भाजपा सत्ताक में आने के बाद बदल जाती है। सामाजिक कार्यों के लिए पदमश्री से सम्मासनित ब्रह्म दत्त का कहना है कि हिंदुत्वल के एजेंडे पर तो भाजपा सत्ताए में आती है, कुर्सी मिलने के बाद बिजनेस हित देखती है इसीलिए वह कसाईखानों को बंद करने में नाकाम रही है। यह तो और ताज्जुरब की बात है कि उनके शासन वाले राज्योंव में स्लॉ टर हाउस ज्यातदा हैं जिनके संगठनों ने पशु वध को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा रखा है।
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इसके टॉप टेन राज्यों में चार ऐसे हैं जिनमें भाजपा और उसके सहयोगियों की सरकार है। यह हम नहीं बल्किर केंद्र सरकार द्वारा दिए गए कागजात कह रहे हैं। एक आरटीआई के जवाब में इस बात का खुलासा हुआ है। दिलचस्पक बात यह है कि नॉर्थ ईस्टै में सबसे कम स्लाइटर हाउस हैं। पशुओं को लेकर मच रहे शोर शराबे के बीच फरीदाबाद निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता रविंद्र चावला ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के पशुपालन, डेयरी और मत्य्र् पालन विभाग में आरटीआई डालकर पूछा कि किस राज्य में कितना बूचड़खाना हैं। उनमें पशुओं के काटने के नियम क्या हैं।
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इसका जो जवाब आया वह हैरान करने वाला है। पशुओं की रक्षा की दुहाई देने वाली भाजपा के शासन वाले राज्या सबसे ज्यादा बूचड़खाना वाले क्षेत्र में शामिल हैं। हरियाणा सरकार भी इसके लिए खूब शोर-शराबा मचाती है लेकिन यहां भी कसाईखानों की संख्या् कम नहीं हैं। यहां इसकी संख्याब 36 है। जबकि प्रधानमंत्री के गृह क्षेत्र गुजरात में 38 जगहों पर पशुओं का मांस निकालने का काम किया जाता है। चावला का कहना है कि अपने आपको पशु प्रेमी बताने वाली पार्टी के शासन वाले राज्यों में सबसे ज्याकदा स्ला टर हाउस की संख्या हैरान करती है। टॉप टेन राज्यों में चार भाजपा के ही हैं। दरअसल, सत्ता में बैठे लोगों की कथनी और करनी में भारी अंतर है।