कांग्रेस का आरोप, मुसलमानों को दरकिनार कर चुना सेना प्रमुख, बदले में मिला ये जवाब

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बिपिन रावत को भारत के नए सेनाध्‍यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी पर सांप्रदायिक भेदभाव का आरोप लगाया है। आपको बता दें जब से बिपिन रावत नए सेनाध्‍यक्ष बने हैं तभी से केंद्र सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि सीनियर अधिकारियों की अनदेखी क्यों की गयी है? जिस पर कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला के नए सेनाध्‍यक्ष की नियुक्ति को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर साम्‍प्रदायिक भेदभाव का आरोप सोशल मीडिया यूजर्स को रास नहीं आया। पूनावाला ने ट्वीट कर कहा था कि पीएम मोदी लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्‍मद अली हरीज को पहला मुस्लिम जनरल नहीं बनाना चाहते थे, इसलिए दो वरिष्‍ठ सैन्‍य अधिकारियों की अनदेखी की गई। उन्‍होंने लिखा था, “अगर मोदी बिपिन रावत को बिना बारी के आर्मी चीफ नहीं बनाते तो हरीज लेफ्टिनेंट बक्‍शी के कार्यकाल के बाद सेना के पहले मुस्लिम प्रमुख होते। लेकिन मोदी ऐसा नहीं चाहते थे।”

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एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा कि शायद आरएसएस मानसिकता के चलते मोदी सरकार किसी अल्‍पसंख्‍यक के सेना प्रमुख बनने को सहन नहीं कर सकती थी। गौरतलब है केंद्र सरकार ने 17 दिसंबर को नए थलसेनाध्‍यक्ष के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत के नाम का एलान किया था। इसके लिए लेफ्टिनेंट जनरल बक्‍शी और हरीज की दावेदारी की अनदेखी की गई।

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