जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम व लोकपाल आंदोलन के मुख्य चेहरे के तौर पर मशहूर अन्ना हजारे ने हालही में पेश हुए बजट और पॉलिटिकल पार्टीज को कैश में मिलने वाले चंदे को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि चंदे की राशि कम करने से करप्शन कम नहीं हो जाएगा। अन्ना हजारे ने कहा कि आगरा कालाधन बाहर लाना है तो उसके लिए हर रूपए का ऑडिट जरूरी है।
गौरतलब है कि साल 2017-18 के लिए मोदी सरकार दद्वारा पेश किए गए बजट में राजनीतिक संगठनों को चंदे में मिलने वाली कैश राशि(2000 रूपए) और उसका हिसाब ना दिये जाने पर अन्ना हजारे ने ऑडिट की बात कही है। उनका कहना है कि चंदे की राशि को कम करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पहले यह छूट वाली तय राशि 20,000 थी और इसे अब घटा कर 2000 किया गया है। उनके अनुसार कालेधन पर लगाम लगाने के लिए यह कदम बेहद जरूरी हैं।