बढ़ते तलाक के मामलों को रोकने के लिए मौलवियों ने किया ये फैसला

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आला हजरत दरगाह के सुन्नी बरेलवी मौलवियों ने लव मैरिज का प्रचार करने क फैसला किया है। ये फैसला मुस्लिम जोड़ों में विवाहेतर सम्बन्धों के चलते बढ़ रहे तलाक के मामलों को देखते हुए लिया गया है। ये लोग लव मैरिज का प्रचार ही नहीं करेंगे बल्कि युवाओं के घरवालों को यह भी समझायेंगे कि यदि वे किसी के साथ रिश्ते में हैं तो उन पर किसी और लड़की या लड़के से शादी करने का दबाव ना डालें साथ ही परिजनों को यह भी समझायेंगे कि बच्चों को उनकी पसंद से शादी करने दें।

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दरगाह आला हजरत के प्रवक्ता मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी ने कहा, “पिछले तीन सालों में हमारे पास तलाक के जो मामले आए हैं, उनमें से 50% में महज 6 महीने में संबंध खत्म हो गए। इसकी वजह यह थी कि शादी से पहले ही महिला या पुरुष में से किसी एक का अफेयर था।” ऐसे में मौलवियों ने लव मैरिज को प्रोत्साहित करने के लिए कैंपेन चलाने का फैसला लिया है।

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नूरी ने कहा, “हम लोगों को प्रोत्साहित करेंगे कि यदि उनके बच्चे किसी के साथ रिलेशनशिप में हैं तो सिर्फ अपनी इच्छा थोपते हुए उन पर शादी के लिए दबाव न बनाएं और उन्हें मनपसंद साथी चुनने की छूट दें।”

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उन्होने आगे कहा कि लव मैरिज इस्लाम के खिलाफ नहीं है। धर्म के तौर पर इस्लाम महिला या पुरुष की पसंद को तवज्जो देता है। जब इस्लाम किसी को जीवनसाथी चुनने की आजादी देता है तो उसके पैरेंट्स को भी इसे स्वीकार करना चाहिए।