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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस कुरियन जोसेफ और रोहिंटन नरीमन की दो सदस्यीय खंडपीठ ने ये फैसला दिया। याचिका पर सुनवाई के बाद दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यह साफ है कि जम्मू-कश्मीर राज्य के पास भारत के संविधान और उसके अपने संविधान के दायरे के बाहर कोई संप्रभुता नहीं मिली हुई है। जम्मू कश्मीर के लोग पहले भारत के नागरिक हैं इसलिए ये कहना गलत होगा कि कश्मीर के नागरिक शेष देश के राज्यों के नागरिकों से अलग हैं। 1957 में लागू जम्मू-कश्मीर के संविधान की प्रस्तावना के जिक्र में कोर्ट ने यह टिप्पणी की।
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