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पूर्व राज्यपाल को भी नहीं मिलती आजीवन पेंशन
पूर्व सांसदों को पेंशन देने की व्यवस्था आम लोगों पर बोझ है
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों को भी अटेंडेंट लेकर मुफ्त सफर की फैसिलिटी नहीं दी जाती, वो भी तब जबकि वो ऑफिशियल टूर पर ही क्यों ना हों।
नौकरीपेशा लोग पेंशन के लिए शुरू से योगदान देते हैं तब जाकर उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलती है। लेकिन सांसद पेंशन के लिए किसी तरह का योगदान नहीं करते हैं लेकिन उन्हें पेंशन दिया जाता है।
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