कोर्ट ने मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मैरेम्बम पृथ्वीराज उर्फ पृथ्वीराज सिंह और पुखरेम शरतचंद्र सिंह की एक दूसरे के खिलाफ दायर अपील पर यह व्यवस्था दी। मणिपुर में 2012 में मोयरंग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी शरतचंद्र सिंह के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पृथ्वीराज का निर्वाचन हाई कोर्ट ने निरस्त घोषित कर दिया था। आरोप लगाया गया था कि पृथ्वीराज ने अपने नामांकन पत्र में कहा था कि वह एमबीए हैं जो गलत पाया गया था।
जजों ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि इस तथ्य पर कोई विवाद नहीं है कि अपीलकर्ता ने मैसूर विश्वविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई नहीं की थी और यह तर्क स्वीकार नहीं किया जा सकता कि यह ‘मानवीय त्रुटि’ थी। बेंच ने कहा कि यह चूक एक बार नहीं हुई है। 2008 से ही अपीलकर्ता यह कह रहा था कि उसके पास एमबीए की डिग्री है। कोर्ट ने इस कानूनी पहलू पर भी विस्तार से गौर किया कि क्या यह दलील देना और साबित करना जरूरी है कि जीतने वाले प्रत्याशी का नामांकन पत्र गलत ढंग से स्वीकार किए जाने की वजह से चुनाव का नतीजा वास्तव में प्रभावित हुआ? खास तौर पर उस स्थिति में, जबकि मैदान में सिर्फ दो ही प्रत्याशी थे।
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