सुनवाई के दौरान अदालत ने यह टिप्पणी की थी कि नोएडा अथॉरिटी और टोल ब्रिज कंपनी के बीच हुए मनमाने करार का खामियाजा आम जनता को भुगतने देना कतई ठीक नही है। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि ओवर ब्रिज की लागत से ज्यादा की वसूली होने के बाद लोगों से टैक्स वसूलना गलत है। बता दें कि नोएडा फ्लाईवे टोल पर मोटरसाइकिल से गुजरने पर 12 रुपए देने होते हैं वहीं, कार से गुजरने पर 28 रुपए चुकाने पड़ते हैं।
नोएडा रेजिडेंट वेलफेअर असोसिएशन ने 16 नवंबर 2012 को डीएनडी को टोल फ्री करने की याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की थी। असोसिएशन के वकील रंजीत सक्सेना ने बताया कि जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस सुनीता अग्रवाल की पीठ ने इस याचिका पर अपना अंतिम फैसला सुनाया। वर्ष 2001 में डीएनडी पर वाहनों का संचालन शुरू हुआ था। जस्टिस टंडन और जस्टिस अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने कहा है कि डीएनडी पर भविष्य में कभी भी टोल नहीं लगेगा।