FIA says TATA-Air Asia agreement violates DGCA rules&FDI policy, adds matter is pending in Delhi HC since April ’14,seeks SC directive
— ANI (@ANI_news) October 27, 2016
दरअसल, टाटा संस बोर्ड के चेयरमैन पद से हटाए गए सायरस मिस्त्री ने बुधवार को बोर्ड सदस्यों और ट्रस्टों को लिखे ईमेल में आरोप लगाया है कि ग्रुप पर भारी-भरकम कर्ज के बावजूद उन्हें दो एविएशन वेंचर्स में निवेश करने के लिए मजबूर किया गया और यहां तक कि उनसे 22 करोड़ रुपये के फ्रॉड को नजरंदाज करने को कहा गया। मिस्त्री ने कहा कि उन्होंने एविएशन सेक्टर में इन्वेस्टमेंट्स पर ऐतराज जताया था।
मिस्त्री ने एयर एशिया से जुड़े कुछ ट्रांजैक्शंस के संबंध में नैतिकता से जुड़ी चिंताएं भी उठाईं। उन्होंने लिखा, ‘एक फोरेंसिक जांच में पाया गया कि भारत और सिंगापुर में ऐसी पार्टीज के साथ 22 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शंस हुए, जिनका वजूद ही नहीं था। एयर एशिया के बोर्ड मेंबर और एग्जिक्युटिव ट्रस्टी वेंकटरमण ने इस ट्रांजैक्शन को बड़ा नहीं माना। साथ ही, उन्होंने और जांच पर जोर नहीं दिया। इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स के जोर देने और इनमें से एक के इस्तीफा दे देने पर बोर्ड ने बाद में एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय किया था।’
इधर, निवेशक भी टाटा ग्रुप को लगातार तीन दिनों से झटके पर झटका दे रहे हैं। नतीजतन, टाटा ग्रुप की कई कंपनियों के शेयर लगातार तीसरे दिन गिर रहे हैं। टाटा पावर, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स, टाटा कॉफी, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प, टीसीएस, आईएचसीएल और टाटा टेलि जैसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है। टाटा की कंपनियों के शेयरों में गिरावट की शुरुआत सायरस मिस्त्री को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद ही हो गई। हालांकि, बुधवार को अपने ईमेल में जब उन्होंने कहा कि टाटा कंपनियों की फेयर वैल्यू का रियलिस्टिक असेसमेंट किया जाए तो ग्रुप को लगभग 1,18,000 करोड़ रुपये राइट-ऑफ करने पड़ सकते हैं, तो निवेशकों की मायूसी बढ़ गई।